"ऑपरेशन जीवन रक्षा" के तहत बचाई 233 यात्रियों की भी जान
शब्दघोष, भोपाल: आरपीएफ की "नन्हे फरिश्ते" टीम ने जनवरी में 549 से अधिक बच्चों को फिर से उनके परिवार से मिलाया है। इस महत्वपूर्ण कदम से बच्चों की देखभाल और सुरक्षा को सुनिश्चित करना आरपीएफ की प्रमुख मिशन "नन्हे फरिश्ते" की उपलब्धि है। इन बच्चों को विभिन्न कारणों से उनके परिवारों से अलग किया गया था और आरपीएफ ने इस समस्या का समाधान करने के लिए सकारात्मक प्रयास किया है
ऑपरेशन जीवन रक्षा
आरपीएफ ने जनवरी में "ऑपरेशन जीवन रक्षा" के तहत 233 यात्रियों की जानें बचाई हैं। टीम ने प्लेटफार्मों और रेल पटरियों पर पहियों के नीचे फंसने से बचने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चलती ट्रेनों में यात्रा करते समय गिरने वाले यात्रीयों को बचाने के लिए भी आरपीएफ ने सकारात्मक कदम उठाए हैं।
ऑपरेशन मेरी सहेली
आरपीएफ की महिला सुरक्षा टीमों ने भी अपनी सेवाएं बढ़ाई हैं और "मेरी सहेली" पहल को शुरू किया है। जनवरी में इन टीमों ने 13,615 ट्रेनों में सेवाएं प्रदान की और 4.1 लाख महिला यात्रियों को सुरक्षा आश्वासन प्रदान किया। महिला यात्रियों के लिए आरक्षित सवारी डिब्बों में यात्रा करते समय हुई 7402 अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है।
ऑपरेशन सुरक्षा
आरपीएफ ने "ऑपरेशन सुरक्षा" के माध्यम से रेलवे यात्रियों की सुरक्षा में भी बड़ा योगदान दिया है। जनवरी 2024 में चलती ट्रेनों पर पथराव करने वाले 53 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जो यात्री सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
आरपीएफ के प्रमुख मुख्य तथा उपमुख्य मुख्य ने बताया कि इसमें आरपीएफ ने नन्हे बच्चों को परिवार से मिलाने के साथ-साथ महिला यात्रियों की सुरक्षा और जीवन रक्षा में उच्च स्तर की सफलता प्राप्त की है। उन्होंने इसमें कार्रवाई के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहल की है
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