चित्र गैलरियां और प्रतिमाएं दर्शाती हैं भगवान राम की महिमा
भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में 9-10 मार्च को मानस भवन में आयोजित हो रहे दूसरे अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में भगवान राम की महिमा को दर्शाने के लिए रामायण केंद्र भोपाल और तुलसी मानस प्रतिष्ठान ने बड़े आकर्षण से भरे चित्र गैलरियां और प्रतिमाएं तैयार की हैं। इस सम्मेलन के दौरान एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) में निपुण महिलाओं को भी सम्मानित किया गया और रोजगार मेलों में चयनित महिला अभ्यर्थियों को आफर लेटर भी वितरित किया गया है।
रामायण केंद्र के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार सम्मेलन का आकर्षण भगवान राम पर आधारित चित्र गैलरियां होंगी। इन गैलरियों में रायसेन किले के पास राम छज्जा, सीता तलाई, गुजरात के बावड़ी से मिली धनुषधारी राम की प्रतिमाएं, खजुराहो, कंबोडिया, थाईलैंड आदि के मंदिरों में उकेरी गई राम की मूर्तियों के दुर्लभ चित्र शामिल होंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के कलाकार ललित दुबे ने अपनी खास कला से बनाई गई 35 फीट लंबी एक ड्राइंग शीट पर राम नाम की लीलाओं को चित्रित किया है और उसे प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा। इसे बनाने के लिए उन्होंने जापान के खास पेपर रोल और इटैलियन पेन का उपयोग किया है।
प्रदर्शनी में 11वीं शताब्दी की प्रतिमाओं के चित्रों की भी दिखेगी झलक। प्रमुख पुरातत्वविद नारायण व्यास ने बताया कि सम्मेलन में श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंगों के शैलाश्रयों की चित्र प्रदर्शनी लगेगी, जिसमें खजुराहो की एक 11वीं शताब्दी की राम प्रतिमा और एक दूसरी पाटन, गुजरात में मिली 11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा शामिल हैं। इनमें श्रीराम धनुष धारण करते हुए दिखाए जा रहे हैं।
साथ ही, वास्तुकला इतिहासकार और शोधकर्ता पुणे की डॉ. उज्जवला आनंद पलसुले ने बताया कि वे दक्षिण पूर्व एशियाई मंदिरों पर शोध कर रही हैं और इस सम्मेलन में देव प्रतिमाओं के दुर्लभ चित्रों को प्रदर्शित करेंगी। सचिव अरुणा गुप्ता और उनके कला विहान क्रिएटिव आर्ट ग्रुप ने रामायण सम्मेलन में चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया है, जिसमें भगवान राम और रामचरित मानस के विभिन्न प्रसंगों को उकेरा गया है।
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