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चंबल, नर्मदा में रेत माफिया का तांडव, बंदूकों के साए में अवैध उत्खनन

विधानसभा चुनाव के बाद बढ़ा अवैध खनन


शब्‍दघोष ,भोपाल: विधानसभा चुनाव के बाद से चंबल, नर्मदा सहित अन्य नदियों से रेत का अवैध उत्खनन बढ़ रहा है, खासकर ग्वालियर-चंबल अंचल में। मुरैना जिले में राजस्थान तक फैले रेत माफिया अब अवैध उत्खनन का दुस्साहस कर रहे हैं, जिसके पर्यावरणीय परिणाम भारी हो सकते हैं। कई जगहों पर बंदूकों के साए में चंबल के घाटों को खोखला किया जा रहा है, और ग्रामीणों पर फायरिंग के जरिए दबाव बनाए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी, कई लोगों ने शिकायत की है कि कार्रवाई करने वाली अधिकारीयों के सामने भी रेत माफिया को नहीं रोका जा रहा है।

मुख्य सचिव वीणा राणा के नाराज होने के बाद भी, मुरैना जिले को एक सुरक्षित स्थान पर रेत का अवैध उत्खनन रोकने के लिए एसएएफ की एक कंपनी तैनात की गई है, लेकिन रेत माफिया ने अन्य घाटों पर अवैध उत्खनन शुरू कर दिया है। रेत माफिया का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि शिकायत करने वालों और अवैध रेत के वाहनों के ट्रैक्टर-ट्राली के लिए रास्ता नहीं देने वालों पर गोलियां तक दागने की धमकियां दी जा रही हैं

चिन्नौनी भर्रा-करजौनी घाट, देवगढ़ घाट, कैमरा-केंथरी क्षेत्र में रेत माफिया ने बंदूकों के साए में अवैध उत्खनन करते हुए ग्रामीणों को नहीं बचा रहा है। इसके बावजूद, ग्रामीणों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया है, लेकिन इसका नतीजा यह रहा कि रेत माफिया ने आठ दिन में तीन बार फायरिंग कर दी है। ग्रामीणों में से एक व्यक्ति, मनीष सिंह सिकरवार को रेत माफियाओं ने गोली मारकर की हत्या, क्योंकि उन्होंने अवैध रेत के ट्रैक्टर-ट्रालियों को अपने खेत से निकालने से रोका था

इसके पहले 29 जनवरी को कैलारस के खेड़ाकला में रेत माफियाओं ने सात ट्रैक्टर-ट्रालियों के टायरों को गोलियों से फोड़ दिया था। इस घटना के दूसरे दिन चिन्नौनी और कैलारस क्षेत्र में पुलिस ने रेत माफियाओं के घर दबिश दी और 40 से 45 कारतूस और पांच बंदूकें बरामद की थीं।

डीएफओ कार्यालय के पड़ोस में रेत की मंडियां देखी गई हैं, जहां रेत माफिया अपने अवैध खनन की कारोबारी तैयारी कर रहा है। इसके बावजूद, कार्रवाई के नाम पर कुछ स्थानों पर अवैध स्टाक को नष्ट करने की कोशिशें भी की जा रही हैं, लेकिन रेत माफिया इसे रोकने के लिए तैयार नहीं है।

ग्रामीणों की चिंता बढ़ रही है, क्योंकि रेत माफिया की हिंसक गतिविधियों ने उन्हें डराने का प्रयास किया है। वे सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि वे अपनी जीवन और संपत्ति को सुरक्षित रख सकें। इस मामले में न्यायिक कदम उठाने और स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग भी हो रही है।

रेत के अवैध उत्खनन के खिलाफ कदम उठाने के बावजूद, कुछ स्थानों पर आये दिन बढ़ते अवैध स्टाक और मंडियों का उपयोग दिखाई दे रहा है। कार्रवाई के नाम पर अवैध स्टाक नष्ट करने वालों को जल्दी से समाप्त करने की आवश्यकता है, ताकि वायुमंडलीय प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों की बचत की जा सके।

रेत के अवैध उत्खनन के मामले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सुखद परिणामों के लिए सशक्त कदमों की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठाने और अवैध रेत खनन को रोकने में सहायक होने की जिम्मेदारी है। न्यायिक प्रक्रिया में शीघ्रता बनाए रखकर रेत माफिया के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ग्रामीणों को उनके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा मिल सके।


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