यात्रियों को मिलेगा सस्ता और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प
शब्दघोष, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने ओला, उबर और रैपिडो जैसी पब्लिक रेंटल बाइक सर्विस कंपनियों को बाइक टैक्सी की मान्यता देने का निर्णय लिया है, जिससे यात्रा के लिए विकल्पिक विकल्प मिलेगा। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, लेकिन इस पर विस्तृत नियमों की घोषणा जल्दी ही मध्य प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी।
पहले के विवाद के बाद, जिसमें ग्राहकों के डेटा लीक होने, ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होने, और मनमाना किराया वसूलने जैसे मुद्दे उठाए गए थे, मध्य प्रदेश सरकार ने बाइक टैक्सी वाहनों के परमिट नवीनीकरण का प्रस्ताव रोक लिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत बाइक टैक्सी को मंजूरी देने का निर्णय लिया है।
ओला, उबर, और रैपिडो कंपनियों के साथ बाइक टैक्सी सर्विस उपलब्ध कराने वाले आरटीओ में वर्तमान में 1200 से अधिक वाहन हैं, जिन्हें आंध्रप्रदेश राज्य के सर्विस चालक एंड्रॉयड एप्लिकेशन के माध्यम से संचालित कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश वाहनों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हो रहा है, जिससे ग्राहकों की सुरक्षा का जोखिम बढ़ रहा है।
केंद्र सरकार ने इस मामले में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2/28 के तहत, जिन वाहनों में चार पहिए नहीं लगे हैं और जिनके इंजन की क्षमता 25 सीसी से ज्यादा है, को बाइक टैक्सी का परमिट जारी करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, इन वाहनों के चालकों का सत्यापन और पुलिस वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा।
यह सरकारी मंजूरी से ओला, उबर और रैपिडो कंपनियों को मध्य प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन में विकल्पिक विकल्प प्रदान करने में मदद मिलेगी, जिससे यात्रा को सुरक्षित और आसान बनाए रखा जा सकेगा।
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