इंदौर: MPPSC मुख्य परीक्षा की तारीख में बदलाव नहीं, अभ्यर्थियों में नाराजगी
इंदौर: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2023 की तारीख में कोई फेलबदल नहीं किया है, जिसके कारण अभ्यर्थियों ने धरना देने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को इस संबंध में अभ्यर्थियों ने बैठक बुलाई, जिसमें 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद अभ्यर्थियों ने शनिवार को जिला प्रशासन से लेकर पुलिस से धरने को लेकर अनुमति मांगने के लिए भी कदम उठाए।
नेगेटिव मार्किंग की मांग:
अभ्यर्थियों का कहना है कि यूनियन पढ़ाने वाले अभ्यर्थियों को फायदा होगा अगर राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 से नेगेटिव मार्किंग शुरू होती है। उनका आरोप है कि यूपीएससी और अन्य राज्यों की परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं है।
अभ्यर्थियों ने यह भी मांगा है कि मुख्य परीक्षा की कॉपी आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जाए ताकि वे अपनी गलतियों को सुधार सकें। साथ ही, साक्षात्कार के अंकों में कमी या बढ़ोतरी की स्थिति में कारण बताए जाएं। मुख्य परीक्षा की तारीख में कमी के खिलाफ उत्तराधिकारी से हुई बातचीत में भी कोई सुधार नहीं हुआ है, जिसके कारण अभ्यर्थियों ने धरना देने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थियों ने अनिश्चितकालीन धरना देने का निर्णय लिया है और इसके लिए शनिवार को जिला प्रशासन से अनुमति मांगने का तय किया है।
परीक्षा में बदलाव की मांग:
अभ्यर्थियों की एक अन्य मांग यह है कि प्रदेश में परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था को लागू किया जाए। इससे उन्हें सोच-समझकर प्रश्नों का जवाब देने का अवसर मिलेगा और कटौती में भी कमी होगी।
इस मामले में पूर्वाधिकारी अधिकारी आकाश पाठक ने एक मांग पत्र भी भेजा है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2024 में पदों में वृद्धि की जाए और इसमें भी कोई सुधार नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर अभ्यर्थियों का एक गुठबंधन बनाकर आगे की कदम बढ़ाने का निर्णय उनके समर्थन में उठा है। इससे उनकी मांगों को लेकर अगले दिनों में और भी गति मिल सकती है।
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