पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना का इस्तीफा: कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
शब्दघोष,भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा उलझन उत्पन्न हो गया है जब पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के सबसे भरोसेमंद साथी, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। यह घटना छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ने के पहले हुई है। दीपक सक्सेना, जो पिछले कुछ समय से कमल नाथ के साथ संगठन और राजनीतिक कार्य में सक्रिय थे, ने अपने इस निर्णय को लेकर कांग्रेस पार्टी को चौंका दिया है।
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छिंदवाड़ा विधानसभा सीट को लेकर यह संघर्ष कांग्रेस और भाजपा के बीच भयंकर बन चुका है। सक्सेना का कांग्रेस से इस रूप में इस्तीफा, कमल नाथ को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उनके संगठन की नाराजगी का भी प्रतीक है।छिंदवाड़ा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष के रूप में सक्सेना की प्रतिष्ठा राजनीतिक जगह को मजबूत करती थी। इसके अलावा, वे दो बार मंत्री और 2018 में विधानसभा का सामयिक अध्यक्ष रहे हैं।
सक्सेना और कमल नाथ के बीच के संबंध को देखते हुए, इसका मतलब है कि उनकी छोड़े गए सीट ने कांग्रेस के लिए एक और मुश्किल पैदा की है। इसके साथ ही, भाजपा के उम्मीदवार विवेक बंटी साहू के खिलाफ भी यह कमी हो सकती है। कमल नाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सक्सेना के इस इस्तीफे का आलोचना किया है, जिससे पार्टी को इस बड़े झटके का सामना करना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव के नजदीक, यह घटना भविष्य में प्रभाव डालने के संकेत के रूप में सामने आ रहा है, जिससे कांग्रेस पार्टी की नीतियों और रणनीतियों पर भी प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
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