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विधानसभा का प्रभाव नहीं पड़ता लोकसभा चुनाव पर

विधानसभा और लोकसभा में मतदान का अंतर

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शब्‍दघोष,भोपाल, 28 मार्च: मध्य प्रदेश में 2023 के नवंबर-दिसंबर में ही लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं, लेकिन इसके करीब छह माह बाद ही लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो गया है। प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत और आधे से अधिक मत प्राप्त हुए, लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की मानसिकता में अंतर आता है।

विधानसभा और लोकसभा में मतदान का अंतर: विधानसभा चुनाव 2003 में भाजपा को प्रदेश में हुए कुल मतदान में से 42.50 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, वहीं 2004 में लोकसभा चुनाव में 48.13 प्रतिशत मत मिले। इसी तरह, 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 37.64 और 2009 के लोकसभा चुनाव में 43.45 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। यहाँ तक कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 41.02 प्रतिशत मत और लोकसभा चुनाव 2019 में 58 प्रतिशत मतों के साथ प्रदेश की 29 में 28 लोकसभा सीटों पर विजय मिली थी। इससे प्रकट होता है कि विधानसभा चुनाव में मतदान का अंतर लोकसभा चुनाव से होता है।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दबदबा: कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 2003 में 31.61 प्रतिशत और 2004 में 34.6 प्रतिशत मत मिले, जबकि 2008 में 32. 96 प्रतिशत और 2009 में 40.14 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। यही तरीका 2018 में 40.89 प्रतिशत और 2019 में 34.50 प्रतिशत मत के साथ जारी रहा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से करीब तीन प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में सात प्रतिशत मत अधिक मिला।

इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48.55 प्रतिशत मत और कांग्रेस को 40.40 प्रतिशत मत मिला, जो कांग्रेस के लाभ के प्रति शंका जताता है। क्या यही स्थिति लोकसभा चुनाव में भी बनी रहेगी, यह तो 4 जून के होने वाले मतगणना से ही पता चलेगा।



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