शब्दघोष,कोलकाता, 20 मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम और इस्कॉन के साधु-संन्यासियों को लेकर अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी पर सफाई दी है। बांकुड़ा के विष्णुपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि वे रामकृष्ण मिशन के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी कुछ चुनिंदा व्यक्तियों के बारे में थी, न कि पूरे मिशन के बारे में।
ममता बनर्जी ने कहा, "मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ क्यों बोलूंगी? मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ नहीं हूं। मैंने दो विशेष लोगों का उल्लेख किया है। उनमें से एक हैं कार्तिक महाराज। मैंने उसके बारे में बात की है क्योंकि मुझे जानकारी मिली है कि वह तृणमूल एजेंटों को बैठने नहीं देते हैं और इलाके में धर्म के नाम पर भाजपा का प्रचार करते हैं।"मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने जयारामबाटी के बारे में बात की है, जो सारदा मां का जन्म स्थान है। मैं वहां कई बार गई हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ हूं, लेकिन मैं ऐसा क्यों करूंगी? मैं केवल उन लोगों के बारे में बात कर रही थी जो धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।"
ममता बनर्जी ने कार्तिक महाराज पर भी निशाना साधते हुए कहा, "वह चीज (छेना) व्यापारियों को भड़का रहे हैं। सारी खबरें मेरे पास आती हैं। वह राजनीति कर सकते हैं, मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं कहूंगी कि अपने सीने पर कमल का फूल रख कर राजनीति करें। ऐसे पीछे से नहीं।"मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी पलटवार करते हुए कहा, "आज मैं जवाब देने आई हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा? मैंने जो कहा कि जयारामबाटी सारदा मां का जन्म स्थान है। मैं कई बार गई हूं। आप (मोदी) कितनी बार आये हो?"
ममता बनर्जी की यह सफाई उनके उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने रामकृष्ण मिशन और अन्य धार्मिक संगठनों के साधु-संन्यासियों पर टिप्पणी की थी। इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था और उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस सफाई के बाद ममता बनर्जी ने अपने बयान को स्पष्ट करने की कोशिश की है और कहा है कि उनका इरादा किसी धार्मिक संगठन को ठेस पहुंचाने का नहीं था।
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