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mobile प्रेमी सावधान ! अब Mandir में रील बनाना अपराध, मुकदमा दर्ज होगा


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शब्‍दघोष, देहरादून, 19 मई । चारधाम मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी और रील बनाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पुलिस विभाग ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस एसओपी के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मंदिर परिसर में रील बनाता हुआ देखा गया तो उसके खिलाफ उपद्रव की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। स्थानीय अभिसूचना इकाई को सोशल मीडिया की निगरानी करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए: एसओपी के तहत, मंदिर परिसरों में भीड़ होने से श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसके दृष्टिगत, शासन ने मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी एवं रील बनाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इससे पुलिस प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।

संवेदनशीलता और सख्त कार्रवाई: डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि यदि वीडियोग्राफी या रील की सामग्री ऐसी प्रकृति की पाई जाती है जिससे धर्म, जाति, भाषा, समुदाय या अन्य आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा मिलता है, तो गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें।

सोशल मीडिया की निगरानी: डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को चारधाम यात्रा से जुड़े पवित्र तीर्थ स्थलों के बारे में भ्रामक व आहत करने वाली सूचना फैलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। स्थानीय अभिसूचना इकाई को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सोशल मीडिया पर नजर रखें और किसी भी तरह की आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटाने और उस पर कार्रवाई करने के लिए तत्पर रहें।

प्रशासनिक निर्देश और नियमावली: पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसे उपद्रव करने वाला माना जाएगा। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति जान-बूझकर और दुर्भावना के चलते एक वर्ग की धार्मिक मान्यताओं या धर्म का अपमान करने के लिए निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ धार्मिक विश्वासों का अपमान करने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

चारधाम यात्रा के दौरान धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। श्रद्धालुओं से भी अनुरोध है कि वे इन नियमों का पालन करें और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखें। इस दिशा में पुलिस की सख्त निगरानी और त्वरित कार्रवाई से चारधाम यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहेगी।


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