छिंदवाड़ा, शब्दघोष। अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह 3252 मतों से जीत गए हैं। यहां दो ईवीएम मशीनें खराब होने के बाद काउंटिंग वीवीपीएट से हुई। बीजेपी-कांग्रेस के बीच उस वक्त 1200 से ज्यादा मतों का अंतर था। कांग्रेस ने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज की। 19 राउंड तक भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह 1100 वोटों से आगे चल रहे थे। 20वें राउंड में दो ईवीएम खराब हो गईं। 18वें राउंड में बीजेपी के कमलेश शाह 600 वोटों से आगे हो गए थे। इससे पहले तक कांग्रेस आगे चल रही थी। 11वें राउंड में धीरनशा कमलेश से 5 हजार से ज्यादा वोट से आगे थे। बीजेपी की इस जीत से कमलनाथ को झटका लगा है। क्योंकि, नाथ परिवार ने इस सीट पर 40 सालों से ज्यादा तक राज किया। बता दें, एमपी की छिंदवाड़ा सीट तब भी कांग्रेस के पास ही थी जब साल 1977 में पूरे देश में पू्र्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ लहर थी। आजादी के बाद से इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। एमपी के छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव खास है। दरअसल, यह चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सांसद नकुल नाथ का राजनीतिक भविष्य तय करेगा। यहां कांग्रेस से ज्यादा नाथ परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने यहां एक छत्र राज किया है। इस लोकसभा चुनाव के पहले तक उनके गढ़ में कोई सेंध नहीं लगा सका था। साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लहर के बावजूद छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के पास थी। अमरवाड़ा उपचुनाव रोचक हो गया था। कांग्रेस का कहना था कि कि कमलनाथ ने बीजेपी के खिलाफ धीरन शा को मैदान में उतार कर मास्टर स्ट्रोक खेला है। उनके प्रत्याशी घोषित होते ही बीजेपी के पसीने छूट गए थे। अमरवाड़ा में कांग्रेस, बीजेपी के अलावा यहां मनमोहन शाह बट्टी की गोंडवाना पार्टी का भी अच्छा खासा वजूद है। स्व. मनमोहन शाह बट्टी अमरवाड़ा से विधायक भी थे। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में जहां स्व मनमोहन शाह की बेटी मोनिका बट्टी ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। अमरवाड़ा विधानसभा सीट उस वक्त खाली हो गई थी, जब कांग्रेस के विधायक कमलेश शाह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। शाह इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। अमरवाड़ा विधानसभा छिंदवाड़ा जिले का आदिवासी बाहुल्य इलाका है। यह विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर दमखम रखने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी प्रत्याशी का ऐलान किया था। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने देवरावेन भलावी को प्रत्याशी बनाया। देवरावेन ने इस साल लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। उन्हें इस चुनाव में 50 हजार वोट मिले थे। बता दें, अमरवाड़ा सीट पर हमेशा मुकाबला त्रिकोणीय होता है।
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