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भाई वाह ! चावल महंगा होने से किसानों को भारी नुकसान ! सरकार से सस्ता करने की मांग

नई दिल्ली, शब्दघोष। एक ओर किसान केंद्र सरकार से धान के रेट बढ़ाने, उस पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं। वही बड़े व्यापारियों और निर्यातकों ने धन अर्थात चावल के रेट कम करने की मांग उठा दी है। उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने बासमती चावल के लिए निर्यात  मूल्‍य घटाने की मांग की है।  इसे लेकर एसोसिएशन ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने कहा कि अक्टूबर 2023 से बासमती चावल के निर्यात के लिए निर्धारित न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 700 डॉलर प्रति मीट्रिक टन करना चाहिए। उनका दावा है कि न्यूनतम निर्यात मूल्य ज्‍यादा होने की वजह से अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में भारतीय बासमती चावल महंगे रेट पर उपलब्ध हैं, जबकि पाकिस्तानी चावल निर्यातक इसका फायदा उठाकर 800 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के सस्ते रेट पर बासमती चावल बेच रहे हैं.एक्सपोर्ट पर सीमित पाबंदियों की वजह से मंडियों में बासमती चावल उगाने वाले किसानों को पिछले साल के मुकाबले कम कीमत मिल रही है। दादरी की नवीन अनाज मंडी में बासमती चावल के व्यापार पर इसका असर दिख रहा है।

प्राप्त जानकारीके अनुसार दादरी की नवीन अनाज मंडी में खरीफ सीजन की 1509 वैरायटी के बासमती चावल की पहली खेप पहुंचने लगी है। मंडी में सैकड़ों बोरियों में बासमती चावल को पैक किया जा रहा है। हालांकि दादरी इलाके के बासमती चावल उगाने वाले किसान मायूस हैं, क्योंकि उन्हें पिछले साल की तरह रेट नहीं मिल रहा है। किसानों क्या कहना है कि पिछले साल हमने 3200 रुपये प्रति क्विंटल से 3500 रुपये प्रति क्विंटल की रेट पर 1509 वैरायटी का बासमती चावल बेचा था, लेकिन इस साल कीमत सिर्फ 2200 रुपये से 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल पा रही है। यानि पिछले साल के मुकाबले इस साल बासमती चावल की 1509 वैरायटी बेचने पर करीब 1000 रुपये प्रति क्विंटल कम पैसा मिल रहा है। बासमती चावल के व्यापारियों का दावा है कि बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर सरकार ने जो न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाकर प्रतिबंध लगाया है, उसकी वजह से बड़े बासमती चावल के ट्रेडर्स मंडियों में किसानों से बासमती चावल नहीं खरीद रहे। इन व्यापारियों का कहना है कि सरकार को बासमती चावल के निर्यात पर लगी पाबंदियों को हटाना चाहिए, जिससे हमारा कारोबार बढ़ सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे इस पत्र में ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि पिछले साल अक्टूबर में बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था, जबकि पाकिस्तानी बासमती चावल की कीमत करीब 50-100 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन कम है, जिससे पाकिस्तानी बासमती चावल निर्यातकों की वैश्विक बाजार पर पकड़ मज़बूत हो रही है। इस मुद्दे पर आल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ प्रतिनिधि मंगलवार शाम को खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से मिलने वाले हैं। यह देखना अहम होगा कि किसानों, व्यापारियों और बासमती चावल निर्यातकों के इस मांग से भारत सरकार कैसे निपटती है। फिलहाल तो तस्वीर यह बन रही है कि किशन जी चावला की कीमत बढ़ाने की मांग वर्षो से कर रहे हैं व्यापारी इस चावल को सस्ता करने के पक्ष में हैं। 

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