आज का दिन बेहद खास और महत्वपूर्ण है। आज देश के अभूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्मदिन है। जिसे हमारे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज का दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि आज देश के अत्यंत लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव केन बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ करने जा रहे हैं। इस योजना के शुभारंभ हेतु 25 दिसंबर का दिन इसलिए भी चुना गया, क्योंकि इस दिन जन्म लेने वाले अजातशत्रु स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई ने ही सबसे पहले नदियों को जोड़ने का सपना देखा था। सब ही लोग जानते हैं कि उन्होंने देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों को और छोटी बड़ी नदियों को उनकी आवश्यकता अनुसार उन्हें आपस में जोड़ने का बेहद महत्वपूर्ण सपना देखा था। यह बात और है कि वह अपने इस सपने को पूरा कर पाते, इसके पहले विद्रूप राजनीति की चाल फरेब में उनकी सरकार चली गई। लेकिन अपने ऐतिहासिक कार्यकाल में उन्होंने अपने इन देशव्यापी विकास के सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधारशिला तैयार कर दी थी। बेहद अफसोस की बात है कि बीच में एक कालखंड ऐसा भी आया जब कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने जनहित के इन कार्यों की सुध नहीं ली। फल स्वरुप जनता के हित की यह परियोजनाएं ठंडे बस्तों में चली गईं। लेकिन अब जब देश में भाजपा की सरकार आरूढ़ है और मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में भी भाजपा शासन चला रही है। वहां इन सभी जनहित की योजनाओं को साकार किया जाना शुरू किया जा चुका है। उन्हीं में से एक है केन बेतवा लिंक परियोजना। क्योंकि श्री अटल बिहारी वाजपेई की जन्म भूमि मध्य प्रदेश का ग्वालियर जिला ही है । इसलिए इन दोनों नदियों के जुड़ाव का सपना श्री वाजपेई का व्यक्तिगत रुझान था। यही वजह है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने केन बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत के लिए 25 दिसंबर का दिन ही चुना है। जहां तक इन दोनों नदियों के जुड़ाव की बात है तो इस परियोजना के पूरा होने से 10 जिलों की 44 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी। जहां अतिवृष्टि से बाढ़ आती है, वहां के लोग राहत महसूस करेंगे और जहां पानी का अभाव के चलते सूखे के हालात हैं वहां हरियाली देखने को मिलेगी। यदि बुंदेलखंड की बात करें तो सूखा वहां की प्रमुख समस्या है। बारिश का पानी आता है और प्रबंधन की कमी के चलते बेकार बह जाता है। फल स्वरुप यहां बारिश के मौसम में बाढ़ तो आती है लेकिन जैसे ही पानी बरसना बंद होता है, क्षेत्र सूखे की चपेट में आ जाता है। नतीजा यह है कि खेती और बागवानी तथा पशुपालन के मामले में बुंदेलखंड काफी पीछे छूट गया है। इसके दुष्प्रभाव अन्य औद्योगिक गतिविधियों पर भी देखने को मिल रहे हैं। रोजगार का अभाव है इसलिए भारी संख्या में पलायन के हालात बने रहते हैं। स्थानीय लोग रोजगार की तलाश में राज्यों के बाहर भटकने को मजबूर हैं ।इस कमी को पूरा करने के लिए समय-समय पर बड़े आंदोलन भी होते रहे। लेकिन एक दशक तक कांग्रेस सरकार की जन विरोधी कार्य पद्धति में इस योजना की खबर तक नहीं ली गई। अब जब देश और प्रदेश में भाजपा का शासन है तो केन बेतवा लिंक परियोजना शुरू हो रही है। इससे सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल स्तर की स्थिति में सुधार आएगा। पेयजल उपलब्धता के मामले में चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलेंगे। इससे खेती के क्षेत्र में हरित क्रांति की उम्मीदें जागेंगी। खेती किसानी से जुड़े पशुपालन कुक्कुट पालन आदि क्षेत्रों में भी धन की बारिश होना तय है। बड़े-बड़े उद्योगपति केवल पानी की कमी के चलते यहां निवेश करने से बचते रहे हैं।जब यह कमी पूरी होगी तो, औद्योगीकरण, निवेश एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी तथा लोगों का पलायन भी रुकेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रकृति को संतुलित करने की ओर देश और प्रदेश की भाजपा सरकारों का यह कार्य एक इतिहास रचने जा रहा है। हमारे लिए भले ही यह उतना दिलचस्प ना हो लेकिन विश्व भर में भारत के इस नवाचार को बड़ी गौर से देखा जा रहा है। देश के मध्य प्रदेश में शुरू होने जा रही केन बेतवा लिंक परियोजना की सफलता पर अनेक बड़े-बड़े देशों के सपने टिके हुए हैं। जाहिर है इसकी सफलता केवल मध्य प्रदेश और भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रकृति को संतुलित बनाए रखने के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होने जा रही है। इस महती कार्य के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। क्योंकि केन बेतवा लिंक परियोजना के माध्यम से उन्होंने स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई के सपने को तो पूरा किया ही, आम जनता की भलाई में एक बड़ा कदम उठाया है। देश के सभी नागरिकों को स्वर्गवासी अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयां और केन बेतवा लिंक परियोजना की ऐतिहासिक सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
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