आजकल राजगढ़ के पूर्व सांसद और राघौगढ़, चाचौड़ा के पूर्व विधायक श्री लक्ष्मण सिंह का बेबाक बयान चर्चाओं में है और बड़े पैमाने पर वायरल भी हो रहा है। यह बयान साबित करता है कि सच बोलने वाले नेताओं के साहस को दलगत अनुशासन के नाम पर कुंद नहीं किया जा सकता। दावे के साथ लिखा जा सकता है कि यदि प्रत्येक राजनैतिक दल में सच्चाई को स्पष्ट तरीके से कहने वाला एक-एक नेता भी पैदा हो जाए, तो देश की आधी समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी।
राघोगढ़ की ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने आतंकवाद के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला तो पत्रकार श्री लक्ष्मण सिंह का पक्ष जानने से स्वयं को ना रोक पाए। राघोगढ़ के पत्रकार भली भांति जानते हैं कि श्री लक्ष्मण सिंह के मन में जो होता है, वही जुबां से शब्दशः निकलता है। और भी जितने लोग श्री लक्ष्मण सिंह को पहचानते हैं, उन्हें अच्छी तरह से पता है कि लक्ष्मण सिंह शब्दों को चाशनी में लपेटकर नहीं परोसते। उन्हें कड़वी से कड़वी सच्चाई को पूरी बेबाकी के साथ बयां करना आता है।
पत्रकारों के सवाल पर श्री सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं। अपने आरोप की पुष्टि करते हुए उन्होंने सवाल उठाए कि जम्मू कश्मीर यूनियन टेरिटरी होने के चलते वहां के पुलिस और सुरक्षा बल भले ही केंद्र सरकार के अधीन हैं। लेकिन पुलिस फोर्स कहां लगेगा, इसका निर्णय प्रदेश सरकार को ही करना होता है। तो फिर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित क्यों नहीं की? जहां आतंकवादियों ने निहत्थे लोगों को मारा, वहां पर एक भी पुलिस वाला मौजूद नहीं था। यदि तत्समय वहां पुलिस फोर्स मौजूद होती तो एक भी भारतीय नहीं मरता और आतंकवादी जिंदा बचकर नहीं जा पाते। उस पर तुर्रा यह कि उमर अब्दुल्ला बयान देते हैं - पर्यटक आए एरोप्लेन से थे अब ताबूतों में जा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर की हालत उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री रहते काफी तेजी से बिगड़ी। दोनों पिता पुत्र ने आतंकवाद को नष्ट करने की बजाय विदेश में खरबों की प्रॉपर्टी खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। कांग्रेसी नेता होने के बावजूद उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत देने में भी नरमी नहीं बरती। पूर्व सांसद और विधायक ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि श्री राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर की नेशनल कांफ्रेंस सरकार से अपना समर्थन वापस लेना ले लेना चाहिए। यह भी याद दिलाया कि राहुल जी आप नेता प्रतिपक्ष हैं, इसलिए आपको नादानियां छोड़ते हुए संभल कर बोलना चाहिए। यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता आतंकवाद सहित सभी मुद्दों पर सोच समझकर बयान दें, वरना परिणाम प्रतिकूल भी हो सकते हैं। पार्टी की कार्य पद्धति पर तंज करते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि हम हिंदू मुसलमान में लगे रहे तो आतंकवादी और पाकिस्तान इसका लाभ उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे। ऐसा करके एक प्रकार से हम पाकिस्तान का काम आसान करते हैं। आपने रॉबर्ट वाड्रा के बयान की खुले शब्दों में निंदा की। श्री सिंह के मुताबिक वाड्रा ने कहा था कि सरकार मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देती, इसलिए जम्मू कश्मीर में हिंदुओं को मारा गया। श्री लक्ष्मण सिंह कहते हैं कि कांग्रेस ने राहुल गांधी के जीजा जी की जुबान पर अंकुश ना लगाया तो आने वाले चुनाव में पार्टी को और नुकसान भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने दावा किया कि इस आशय का संदेश ईमेल के माध्यम से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा जा चुका है। अंत में श्री लक्ष्मण सिंह ने साफ-साफ कहा कि मैं कैमरे पर ऑन रिकॉर्ड बोल रहा हूं । मेरे लिए देश और देशवासी पहले हैं, पार्टी बाद में। यदि मेरे सच्चे और साफ बयानों से पार्टी नेताओं को बुरा लगता है तो उन्हें आज और इसी वक्त पार्टी से निकाल सकते हैं।
चूंकि लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के स्थापित नेता हैं, इस नजरिए से यदि वे भाजपा और भाजपा शासित सरकारों के खिलाफ बयान देते हैं तो कोई विशेष खबर नहीं बनती। लेकिन खबर तब बनती है जब वे अपनी पार्टी में गलत होने पर उसके खिलाफ भी पूरी मुखरता के साथ आवाज उठाते हैं।कई बार तो श्री सिंह अपने बड़े भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की विचारधारा से एकदम उलट जाकर भी बयान जारी करते रहे हैं। यही वजह है कि लक्ष्मण सिंह कांग्रेसी आला कमान की आंखों में खटकते रहते हैं। इन्हीं प्रतिकूलताओं के चलते वे पूर्व में बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं, लेकिन वहां अपने बड़े भाई दिग्विजयसिंह की होने वाली अमर्आयादित आलोचनाओं से परेशान होकर वापस कांग्रेस में लौट आए। लेकिन काबिले गौर सत्य यह है कि दो बार दल बदल की औपचारिकताओं के बाद भी लक्ष्मण सिंह नहीं बदले। वह पहले भी सत्य बोलने का साहस रखते थे, आज भी उनकी यह अच्छाई बनी हुई है। उनकी यह स्पष्टवादिता राजनीति को सही रास्ता दिखाए, यही शुभकामना।
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